एग्रोस्टार की सहायक कंपनी INI फार्म्स ने यूरोप में फ्रेश डेल मोंटे को ‘किमाये‘ ब्रांड केले की पहली खेप भेज दी है।
केले के निर्यात से लाभ
नीदरलैंड को केले के निर्यात से कीमतें बढ़ेंगी और किसानों की आय में वृद्धि होगी।
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भारत दुनिया के सबसे बड़े केला उत्पादक
विश्व का सबसे बड़ा केला उत्पादक होने के बावजूद, वर्तमान में भारत का निर्यात हिस्सा वैश्विक बाजार में केवल 1 प्रतिशत है, जबकि दुनिया के 35.36 मिलियन मीट्रिक टन केले के उत्पादन में देश की हिस्सेदारी 26.45 प्रतिशत है।
वित्तीय वर्ष 2022-23 में, भारत ने 176 मिलियन अमरीकी डालर के केले का निर्यात किया, जो 0.36 एमएमटी के बराबर है।
यूरोपीय बाजार में पहली परीक्षण खेप के साथ, यह अनुमान लगाया गया है कि भारत अगले पांच वर्षों में एक अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक मूल्य के केले निर्यात करने में सक्षम हो सकता है।
इससे 25,000 से अधिक किसानों की आय में वृद्धि हो सकती है और आपूर्ति श्रृंखला में 10,000 से अधिक लोगों के लिए प्रत्यक्ष रूप से ग्रामीण आजीविका का सृजन हो सकता है और अप्रत्यक्ष रूप से खेती के क्षेत्र में 50,000 से अधिक लोगों को रोजगार मिल सकता है।
भारतीय केले के प्रमुख निर्यात स्थलो में ईरान, इराक, संयुक्त अरब अमीरात, ओमान, उज्बेकिस्तान, सऊदी अरब, नेपाल, कतर, कुवैत, बहरीन, अफगानिस्तान और मालदीव शामिल हैं।
भारत में केला उत्पादन
भारत में केला आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, केरल, गुजरात, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश राज्यों में उगाई जाने वाली एक प्रमुख बागवानी फसल है।
आंध्र प्रदेश सबसे बड़ा केला उत्पादक राज्य है, इसके बाद महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश हैं। ये पांच राज्य वित्तीय वर्ष 2022-23 में भारत के केला उत्पादन में सामूहिक रूप से लगभग 67 प्रतिशत का योगदान देते है।